वर्तमान समय में Cryptocurrency वैश्विक रूप से एक अहम् मुद्दा बन चुका हैं, जिसे हर कोई भुनाना चाहता हैं। चाहे वह अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव हो या फिर इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग। Cryptocurrency किसी न किसी तरह खबरों में आ ही जाती हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या भारत में होने वाले चुनावों में भी Cryptocurrency इसी तरह मुख्य मुद्दों की श्रेंणी में आती है या फिर रोजगार, गरीबी या जातीवाद जैसे मुद्दे ही भारत में होने वाले चुनावों में हावी रहते हैं। तो आपको बता दे भारत इस समय एक तेजी के साथ बढ़ती अर्थव्यवस्था है। जहाँ वे लोग भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जो Cryptocurrency के निवेशक है।
ऐसे में चुनाव परिणाम पर सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन आंशिक रूप से Cryptocurrency असर तो डाल ही सकती हैं। इसे कुछ इस तरह से समझे कि भारत की कुल आबादी 144 करोड़ के आस-पास है, जिसमें लगभग 95 करोड़ लोग ऐसे है जो वोटर के तौर पर रजिस्टर है। इनमे से करीब 50 करोड़ पुरुष मतदाता और 45 करोड़ महिला मतदाता है। एक आंकड़े के अनुसार 30% वोटर किसी कारण से हर चुनाव में वोट नहीं कर पाते। आर्थात चुनावों में कुल 67 करोड़ वोटर ही वोट देने जाते हैं। चूँकि भारत एक युवा आबादी वाला देश है तो यहाँ युवा वोटर्स की संख्या भी सबसे अधिक है। जो कि लगभग 50% के आस पास होगी। ये युवा वोटर्स 18 से 45 वर्ष आयुर्ग के है।
यहाँ एक और बात गौर करने वाली है कि भारत में Cryptocurrency के निवेशक भी इसी आयुवर्ग के लोग है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में Cryptocurrency निवेशकों की संख्या लगभग 15 से 20 करोड़ के बीच में हैं। जो कि कुल वोटर्स की आबादी का लगभग 30% है, तो ऐसे में Cryptocurrency कहीं ना कहीं चुनाव के चुनिन्दा मुद्दों में से एक तो है। हालंकि वर्तमान में भारत में किसी भी राज्य में, किसी भी पार्टी द्वारा Cryptocurrency के पक्ष में या विरोध में कोई बयान नहीं दिया गया है।
वर्तमान में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों का शंखनाद हो चुका हैं। हर कोई इन चुनावों पर टकटकी लगाए हुए है। जहाँ चुनावों में महंगाई, रोजगार और गरीबी जैसे मुद्दे हावी है। वहीँ हिंदुत्व भी इन राज्यों के चुनाव में मुख्य मुद्दा है। समय के साथ-साथ और भी कई मुद्दे इन चुनावों से जुड़ते गए है जिनमें परिवारवाद जैसे मुद्दे भी शामिल है। लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि Cryptocurrency रेगुलेशन जैसे मुद्दे को अभी तक किसी भी राज्य में, किसी भी पार्टी द्वारा नहीं उठाया गया है। क्योंकि भारत में Crypto Regulation को लेकर लम्बे समय से बाते चल रही हैं, लेकिन अब तक क्रिप्टो से जुड़े किसी भी ठोस नियम का निर्माण नहीं हो पाया है। ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में पार्टियां चाहें तो क्रिप्टो रेगुलेशन को एक बड़ा मुद्दा बना सकती है, जिस पर युवाओं का समर्थन मिलना स्वाभाविक है। इनमें विपक्ष चाहे सत्ताधारी पक्ष पर क्रिप्टो पर मनमाना टैक्स लगाने का आरोप भी लगा सकती है और चुनावों में क्रिप्टो निवेशकों के एक बड़े तबके को अपनी तरफ कर सकती है।
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