क्या आप जानते हैं, Pi Coin माइनिंग कर रही है आपकी जेब ढीली

महत्वपूर्ण बिंदु
  • Pi Network द्वारा डेवलप किये गए Pi Coin को लेकर कम्युनिटी यही उम्मीद लगा रही है कि यह अगला Bitcoin बनेगा, जिसके लिए लगातार फोन के माध्यम से इसकी माइनिंग हो रही है।
  • लेकिन लगातार होती ओपन मेननेट लॉन्च में देरी और Pi के नाम पर बढ़ते स्कैम्स ने इसके निवेशकों और फॉलोअर्स को निराश किया हैं।
  • Pi Coin को लेकर होल्डर्स उम्मीद लगाए हैं कि मेननेट लाइव होते हैं इसकी कीमत $0.4 हो जाएगी, जबकि अगर वर्तमान में देखा जाए तो इसकी माइनिंग कॉस्ट इसकी प्रेडिक्ट की गई कीमत से काफी ज्यादा है।
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Pi Coin की वैल्यू से ज्यादा महंगी पड़ेगी Pi Coin की माइनिंग

Pi Network मेननेट लाइव होने में केवल एक महीने का समय बचा है, लेकिन अब नेटवर्क से जुड़े यूजर्स का उत्साह कम होता नजर आ रहा है। जिसके पीछे का मुख्य कारण Pi और इसके Coin से जुडी लगातार नेगेटिव खबरे और रुमर्स का सामने आना है। भले ही Pi से जुड़ी कम्युनिटी नेटवर्क के Pi Coin को लेकर उम्मीद लगा रही है कि यह अगला Bitcoin बन जाएगा, लेकिन वर्तमान में जो भी घटनाक्रम रहा है उसने Pi Coin की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहाँ यूजर्स अब यह मानने लगे हैं कि यह कहीं कोई स्कैम तो नहीं हैं। हालांकि एक अच्छे प्रॉफिट की चाह में यूजर्स Pi Coin को स्मार्टफोन पर Pi के एप्लीकेशन के माध्यम से माइन कर रहे हैं। लेकिन अगर सही तरह से कैलकुलेट किया जाए तो आप पाएंगे की Pi Coin की वैल्यू, जो प्रेडिक्ट की गई है, वह इसकी माइनिंग कॉस्ट से काफी कम है।

जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में Pi Coin की कोई वैल्यू नहीं है, लेकिन Pi Coin की कीमत जो इसके मेननेट के लाइव होने पर प्रेडिक्ट की गई है, वह $0.4, जो कि भारतीय रुपयों में 33 rs होती है। वहीँ अगर इसकी माइनिंग कॉस्ट को कैलकुलेट किया जाए तो, एक मोबाइल बेस्ड सिस्टम होने के कारण यूजर्स को Pi की माइनिंग के लिए एक स्मार्टफोन की आवश्यकता होती है। एक मिड लेवल का स्मार्टफोन जो अच्छी रेम और रोम के साथ आता है उसकी कॉस्ट $500 या भारतीय रुपयों में 40,000 मानी जा सकती है। अगर यह माना जाए कि यह स्मार्टफोन 3 साल एवरेज चलता है, तो इस राशि के हिसाब से प्रतिदिन की कॉस्ट $0.46 होगी। साथ ही अगर इस कॉस्ट में मोबाइल चार्जिंग के लिए उपयोग हुई इलेक्ट्रिसिटी की डेली कॉस्ट को जोड़ा जाए, जो मान लेते हैं कि स्मार्टफोन के डेली यूज़ की 1% है, तो कॉस्ट में लगभग $0.000014 और एड किया जा सकता है। इसके साथ ही Pi के स्मार्टफोन एप्लिकेशन को चलाने के लिए डेली मोबाइल इंटरनेट डेटा की भी आवश्यकता होगी। ऐसे में मान लिया जाए कि यह मिनिमम 5MB होगी, जिसकी डेली कॉस्ट लगभग $0.049 होगी। 

इन सभी कॉस्ट को अगर मिलाया जाए तो माइनिंग की यह डेली कॉस्ट लगभग $0.509 होगी, जो भारतीय रुपयों में करीब 42 रूपए के आसपास होगी। वहीँ अगर वर्तमान समाय में Pi Coin की वैल्यू देखी जाए तो यह 0 है। यानी Pi Coin वर्तमान में कोई वैल्यू नहीं रखता, ऐसे में यूजर्स जो डेली इस Coin की माइनिंग में अपना समय और डेटा वेस्ट कर रहे हैं, उनके लिए यह एक घाटे का सौदा हो सकता है। 

हालाँकि हमने जो कॉस्ट आपको बताई वह केवल हमारा एक अनुमान है, जो कम या ज्यादा भी हो सकता है, लेकिन अगर यह इसके आसपास भी होता है तो यूजर्स को अपनी जेब इस प्रोजेक्ट के लिए ढीली तो करनी ही पड़ रही हैं। 

Pi Network मेननेट लॉन्च में हो रही देरी से यूजर्स निराश 

Pi Network के मेननेट लॉन्च में हो रही देरी से यूजर्स काफी ज्यादा निराश है। Pi Network मेननेट लाइव करने की तारीख भले ही 28 जून निर्धारित की गई हो, लेकिन अभी तक इससे जुड़ा कोई अपडेट टीम की ओर से नहीं दिया गया है। वहीँ लंबे समय से Pi के फाउंडर Dr. Nicolas Kokkalis सोशल मिडिया या किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर एक्टिव नहीं दिखे हैं, जो यूजर्स के लिए काफी चौकाने वाली बात है। साथ ही इस प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों से चल रही धोखाधड़ी ने भी इस प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किये हैं। बार-बार इस प्रोजेक्ट से जुड़े रुमर्स ने भी इसके होल्डर्स को निराश किया है। जिनमें सबसे बड़ा रुमर इस प्रोजेक्ट के साथ Elon Musk का नाम जुड़ना था। हालाँकि अभी भी Pi से जुड़े लोग इसके मेननेट के लाइव होने की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। 

यह भी पढ़िए : धोखाधड़ी का केंद्र बना Pi Network, बचने के लिए करें ये उपाय

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