फ़लस्तीनी इस्लामी चरमपंथी ग्रुप Hamas ने दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक Israel पर हमला कर दिया है। इस हमले में Israel के लगभग 800 से ज्यादा लोगों को मौत हो गई हैं। वहीँ इस हमले में 2000 से भी अधिक लोग घायल है। जिससे अनुमान लगया जा रहा है कि मौत के आंकड़े और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं। इन मौत के आंकड़ो से दुनिया भर में लोग काफी दुखी और परेशान है, लेकिन इसके साथ ही एक वजह और है, जिसने दुनियाभर के लोगों को परेशान कर रखा है। यह परेशानी है युद्ध के चलते दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में गिरावट की आशंका। इस बीच क्रिप्टो मार्केट में भी Israel और Hamas के युद्ध का असर देखा जा सकता है। जानकार मानते हैं, कि लगातार संघर्ष कर रहा क्रिप्टो मार्केट एक बार फिर गिरावट का अनुभव कर सकता हैं। लेकिन क्रिप्टो विशेषज्ञ इस समय को खरीदारी के लिए एक बेहतर समय बता रहे हैं, क्योंकि गिरावट के दौर में लगातार बढ़त दिखा रही क्रिप्टोकरंसी की कीमत भी इस युद्ध के माहौल के बीच में गिरेगी, जिससे यह उन क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए बेहतर अवसर है।
Israel पर Hamas द्वारा किए गए हमले ने युद्ध का बिगुल बजा दिया है, जहाँ विश्व दो धडों में बट गया है। एक तरफ इरान और तुर्की जैसे देश अप्रत्यक्ष रूप से Hamas के पीछे खड़े नजर आ रहे हैं। वहीँ Israel को दुनियाभर के ताकतवर देशों का साथ मिल गया हैं, जिनमें अमेरिका, भारत, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे बड़े देशों के नाम शामिल हैं। इन सभी देशों से Israel के व्यापारिक और मैत्रिक संबंध हैं। लेकिन युद्ध के चलते Israel इस समय व्यापार करने की स्तिथि में नहीं हैं। जिसका असर इन सभी बड़े देशों के स्टॉक मार्केट पर भी दिखाई दे रहा हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि क्रिप्टोकरंसी मार्केट में भी गिरावट देखने को मिल सकती हैं। हालाँकि युद्ध की शुरुआत होने के अगले दिन क्रिप्टोकरंसी मार्केट में कोई असर नहीं दिखा। मार्केट में बीते दिनों से चली आ रही स्थिति बरकरार रही। वहीँ कुछ क्रिप्टोकरंसी ने अच्छा प्रदर्शन भी किया। लेकिन इस बीच जानकार मान रहे हैं कि मार्केट में गिरावट देखने को मिल सकती हैं, क्योंकि जिन देशों से Israe के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अच्छे संबंध है, उनसे क्रिप्टोकरंसी मार्केट के लगभग 80% निवेशक आते हैं।
इसमें अमेरिका और भारत जैसे वे बड़े देश भी शामिल है, जहाँ से क्रिप्टोकरंसी निवेशकों की संख्या सबसे अधिक हैं। हालांकि क्रिप्टो विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया भर के अन्य स्टॉक एक्सचेंजों में गिरावट के चलते निवेशक क्रिप्टोकरंसी मार्केट की ओर आकर्षित हो सकते हैं। जिससे क्रिप्टोकरंसी मार्केट में निवेश करने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता हैं। एक बार जब क्रिप्टो मार्केट का वॉल्यूम बढ़ेगा तो मौजूदा क्रिप्टो टोकन की कीमतों में वृद्धि दिखाई दे सकती हैं। जानकार यहाँ ये भी मानते हैं कि इस दौरान Bitcoin और Ethereum जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती हैं। क्योंकि नए निवेशक उन्ही क्रिप्टोकरंसी के साथ में जाना चाहेंगे, जिनके बारे में उन्हें पहले से थोड़ी बहुत जानकारी हो। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की दुनियाभर के निवेशक इस विकट परिस्थिति में क्या कदम उठाते हैं।
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