क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज Huobi अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन एक्सचेंज एक मार्केटिंग कदम के कारण विवादों में पड़ गया है। दरअसल एक्सचेंज ने रीब्रांडिंग की है और अपना नाम Huobi से बदल कर HTX रख लिया है, यह बिलकुल बैंकरप्ट एक्सचेंज FTX के जैसा लगता है। जिसके कारण एक्सचेंज मुसीबत में पड़ गया है। Huobi ने 13 सितंबर को रीब्रांडिंग की घोषणा की है। जिसमें H, Huobi के पहले अक्षर का प्रतिनिधित्व करता है, T, Justin Sun के ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट Tron का प्रतिनिधित्व करता है और X एक्सचेंज का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ यह नाम रखने का एक कारण यह है कि HT एक्सचेंज के नेटिव Huobi टोकन (HT) का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि "X" 10 के लिए रोमन अंक है, जो कंपनी की 10वीं वर्षगांठ को बताता है। कंपनी का नया नारा "HTX, जस्ट ट्रेड इट" है। समाचार की आधिकारिक घोषणा करने से पहले, Huobi ने नए नाम को दर्शाने के लिए अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स का नाम बदल दिया है। एक्सचेंज का X हैंडल अब HTX_Global है, जबकि इसका आधिकारिक Telegram ग्रुप "HTXglobalofficial" है।
Huobi के नए नाम ने सोशल मीडिया पर तेजी से ध्यान आकर्षित किया। कई लोगों ने FTX से समानता पर सवाल उठाया, जो अब बंद हो चुका एक्सचेंज है, जिसके संस्थापक, Sam Bankman-Fried धोखाधड़ी से संबंधित 12 आरोपों का सामना कर रहे हैं। जिसके कारण एक्सचेंज को नए नाम को लेकर कई तरह के मजाक का सामना भी करना पड़ा। वहीं कुछ क्रिप्टोकरंसी विशेषज्ञों ने यह भी तर्क दिया कि Huobi ने कानूनी मुसीबत में पड़ने के बाद रिब्रन्डिंग की है। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है की क़ानूनी मुसिबत क्या थी, क्योंकि एक्सचेंज इस बात से इनकार करता रहा है कि उसे किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अगस्त की शुरुआत में Huobi ने उन रिपोर्टों का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि वह बैंकरप्ट होने के करीब है और Chinese पुलिस ने उसके कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि, Huobi पहली कंपनी नहीं है जिसने FTX से मिलताजुलता नाम रखा है। जनवरी 2023 में क्रिप्टोकरंसी हेज फंड Three Arrows Capital के संस्थापकों ने GTX नामक प्रस्तावित क्रिप्टो एक्सचेंज के लिए $25 मिलियन जुटाने की योजना की घोषणा की थी।
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