क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन हाल ही में Rubycoin नाम से एक ऐसा प्रोजेक्ट सामने आया है, जिसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। इसे लेकर चर्चा बढ़ने के पीछे की वजह काफी चौंकाने वाली है, वह यह है कि इस टोकन के प्राइस में पिछले 24 घंटे और 7 दिनों से कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। CoinMarketCap के अनुसार, इसका प्राइस $0.7664 पर स्टेबल बना हुआ है।
इतना ही नहीं, Rubycoin की मार्केट कैप $0 और 24 घंटे का ट्रेडिंग वॉल्यूम भी $0 दिख रहा है, जो इसे लेकर कई डाउट पैदा करता है। क्रिप्टो मार्केट को आमतौर पर एक काफी अनस्टेबल मार्केट माना जाता है, जिसमें हर घंटे प्राइस में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते है। वहीं ऐसे में किसी भी टोकन का लगातार इतने समय तक एक ही प्राइस पर बने रहना असामान्य और सस्पिशियस माना जाता है।
Rubycoin को लेकर जो डाउट सामने आ रहे हैं, वह यूं ही नहीं हैं। बल्कि बीते कुछ समय में कई ऐसे फर्जी क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स सामने आए हैं जिन्होंने आम इन्वेस्टर्स को भारी नुकसान पहुंचाया है। उदाहरण के तौर पर, हाल ही में एक ऐसा टोकन सामने आया था, जिसने Microsoft जैसी बड़ी कंपनी की पॉपुलैरिटी का फ़ायदा उठाते हुए, इसके नाम का उपयोग कर मार्केट में एंट्री की थी और कुछ ही घंटों में इस टोकन ने 14,000% की वृद्धि भी हासिल कर ली थी। लेकिन बाद में इसकी सच्चाई सामने आई और इसका प्राइस काफी तेजी से गिर गया।
इसी तरह, भारत द्वारा पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक करने के बाद "Operation Sindoor" और "Pahalgam" जैसे नामों से Solana Blockchain पर कुछ टोकन लॉन्च हुए थे। जिनका उद्देश्य था देशभक्ति की भावना का फ़ायदा उठाकर इन्वेस्टर्स को फंसाना था। लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह स्कैम टोकन थे।
क्रिप्टोकरेंसी में इसी तरह के स्कैम के चलते अब Rubycoin को लेकर भी यही आशंका जताई जा रही है कि कहीं यह भी एक स्कैम प्रोजेक्ट तो नहीं। क्योंकि अगर कोई टोकन एक सप्ताह तक बिना किसी ट्रेडिंग वॉल्यूम और बिना प्राइस मूवमेंट के बना रहता है, तो यह संकेत है कि या तो उसमें कोई रियल यूटिलिटी नहीं है या फिर वह किसी स्कैम प्रोजेक्ट का हिस्सा हो सकता है।
Rubycoin एक डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी है जो खुद को "सेफ्टी, स्पीड और ट्रस्ट" पर बेस्ड बताती है। यह 2014 में लॉन्च हुआ था और अपने खुद के ब्लॉकचेन पर काम करता है। इसमें प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) सिस्टम का इस्तेमाल भी होता है।
वहीं ऑफिशियल इनफार्मेशन के हिसाब से इसमें कुछ खास फीचर भी है जैसे "Parking Wallet", जहां यूजर्स अपने टोकन ट्रांसफर कर सकते हैं लेकिन उन्हें एक तय समय तक होल्ड करना जरूरी होता है। इसके बदले में होल्डर्स को बोनस रिवॉर्ड मिलते हैं।
हालांकि, Rubycoin की डेवलपर्स टीम के बारे में कोई साफ जानकारी नहीं है और इसकी वेबसाइट या सोशल मीडिया पर भी कोई करंट अपडेट नहीं है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स में तो इसे "एयर कॉइन" और संभावित पोंजी स्कीम भी बताया गया है। इसलिए इन्वेस्टर्स को ध्यान रखना चाहिए कि, वे इसमें पैसे लगाने से पहले अच्छी तरह रिसर्च जरूर करें।
वर्तमान डेटा के आधार पर, Rubycoin को एक सेफ प्रोजेक्ट कहना मुश्किल है। क्योंकि इसकी प्राइस स्टेब्लिटी, जीरो मार्केट कैप और कोई ट्रेडिंग वॉल्यूम ना होना इसे लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। साथ ही, इसमें डेवेलपर या टीम से जुड़ी ट्रांसपेरेंसी की भी कमी है।
वहीं आज के टाइम ने जब क्रिप्टो मार्केट में स्कैम के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में Rubycoin जैसे टोकन को लेकर सतर्कता जरूरी है। अगर आप इन्वेस्टर हैं, तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप इस तरह के टोकन में इन्वेस्ट करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च ज़रूर करें।
यह भी पढ़िए: DEX Screener Crypto क्यों है ट्रेंड में, जानिए इसके 5 कारणसाक्षी मोदी एक स्किल्ड क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका बैकग्राउंड जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में है। वह ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को आसान और क्लियर भाषा में एक्सप्लेन करने में माहिर हैं। साक्षी करीब एक साल से क्रिप्टो इंडस्ट्री में SEO-ऑप्टिमाइज्ड आर्टिकल्स, ब्लॉग्स और न्यूज स्टोरीज़ लिख रही हैं, जिनमें टेक्निकल इनसाइट और क्रिएटिविटी का बैलेंस होता है।
उनका फोकस हमेशा ऑथेंटिक सोर्सेस और डेटा-बेस्ड रिसर्च पर रहता है, जिससे उनका कंटेंट भरोसेमंद और इनफॉर्मेटिव बनता है। साक्षी की राइटिंग स्टाइल आसान शब्दों में डीप नॉलेज देने पर टिकी है, जिससे नए और प्रोफेशनल दोनों तरह के रीडर्स को फायदा होता है।
तेजी से बदलती क्रिप्टो दुनिया में वह खुद को एक ट्रस्टेड और ग्रोइंग वॉइस के रूप में स्थापित कर रही हैं।
Copyright © 2025 Crypto Hindi News. All Rights Reserved.