Artificial intelligence या कहे AI मेथड दुनिया में मशहूर है। AI फैसिलिटी का उपयोग सभी फील्ड में किया जा रहा है, क्योंकि Artificial Intelligence कार्य को जितना पॉसिबल हो सकता है, उतना आसान बना देती है। आसानी से कार्य पूरा करने की क्षमता और ह्यूमन ब्रेन जैसे सोचने की शक्ति Artificial Intelligence को प्रभावित बनाती है, तभी इसका उपयोग आज पूरी दुनिया कर रही है। दुनिया में लक्ज़री गाड़िया, रोबोट, गेम्स, यहाँ तक की एजुकेशन में भी Artificial intelligence का उपयोग हो रहा है। Artificial intelligence के कई फायदे है, लेकिन इसके नुकसान भी है। Artificial intelligence टेक्नोलॉजी इंसान को एक्टिव रहने से रोकती है। इसके वजह से यूजर्स को कम्फर्ट में रहने और आसान जीवन जीने की आदत पड़ जाती है।
आज के समय में पढाई जीवन का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है, बिना एजुकेशन के सक्सेस हासिल करना एक मुश्किल कार्य है। Artificial intelligence का उपयोग एजुकेशन में होना पूरी तरह से गलत नहीं है, इसके मदद से जनरेशन को काफी कुछ सिखने में मदद मिलती है। लेकिन एजुकेशन में इसका ज्यादा उपयोग आने वाली नीव को बिगाड़ने का कार्य कर सकता है। जापान को पूरा विश्व टेक्नोलॉजी के लिए जानता है, लेकिन वहां की एजुकेशन मिनिस्ट्री का मानना है कि AI टेक्नोलॉजी का उपयोग स्टडी में लिमिटेड होना चाहिए। जितना कम Artificial Intelligence की सहायता ली जाए उतना स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद रहेगा और उतना ज्यादा जनरेशन सेल्फ-डिपेंड बनेगी। स्टूडेंट्स क्रिएटिव वर्क जैसे पोयम्स, निबंध आदि कार्य करने के लिए भी ChatGPT का उपयोग करते है, जिससे उनके अन्दर की क्षमता और आर्ट ख़तम हो सकता है। दुनिया में कई देश है, जैसे अमेरिका, कनाडा, चाइना जों एजुकेशन में Artificial intelligence का उपयोग ज्यादा करते है। इसकी मदद से जनरेशन टेक्नोलॉजी से जल्दी परिचय कर सकती है, लेकिन आने वाले समय में जनरेशन सेल्फ डिपेंड नहीं रहेगी और वे अपने कार्यो के लिए सिर्फ और सिर्फ टेक्नोलॉजी एवं मशीन की सहयता पर निर्भर रहेगी। इस वजह से यूथ के लिए बिना मशीने से कार्य करना मुश्किल हो जाएगा जो, कि बिलकुल सही नहीं है। आज की जनरेशन को वे काम जो वह खुद कर सकती है, उसके लिए उन्हें AI Tools नहीं दिए जाने चाहिए, जों के उनके लिए ही फायदेमंद है।
यह भी पढ़िए : इनोवेशन, फन और AI का यूनिक कॉम्बिनेशन है CorgiAI
यह भी पढ़िए: Top 5 AI Tools, जो बन सकते हैं ChatGPT के विकल्पसुदीप सक्सेना Crypto Hindi News की पेरेंट फर्म Coin Gabbar के को-फाउंडर्स में से एक हैं और एक योग्य CMA (Cost and Management Accountant) प्रोफेशनल भी हैं। बिज़नेस डेवेलपमेंट में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ वह जियोपॉलिटिकल विषयों पर ब्लॉग लिखते हैं। सुदीप को क्रिप्टो इंडस्ट्री में गहरा अनुभव प्राप्त है और वे इस क्षेत्र में नई ऑडियंस के लिए एजुकेशनल और भरोसेमंद जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं।
सुदीप का लक्ष्य ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के ज़रिए एक ऐसा नॉलेज बैंक तैयार करना है, जो क्रिप्टो मार्केट में प्रवेश करने वालों नए निवेशकों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सके। उनकी राइटिंग स्टाइल, इन्फॉर्म्ड, डेटा ड्रिवन और स्ट्रेटेजिक अप्रोच पर आधारित होती है।
क्रिप्टो और जियोपॉलिटिक्स की गहराई को जोड़ते हुए, सुदीप रीडर्स को सही संदर्भ और समझ प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं।
Copyright © 2025 Crypto Hindi News. All Rights Reserved.